हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الصادق علیه السلام
مَنْ يَزْرَعْ خَيْرا يَحْصِدْ غِبْطَةً وَ مَنْ يَزْرَعْ شَرّا يَحْصِدْ نَدامَةً وَ لِكُلِّ زارِعٍ ما زَرَعَ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो भलाई करता है, उसे सुख मिलता है,और जो बुराई बोता है, वह हमेशा पश्चाताप हैं,इसलिए जो जैसा बोता हैं वही काटता हैं।
अलफाकी भाग 2,पेंज 458,हदीस 19